निशा की शिकायतें चांद से
आज की प्रतियोगिता हेतू
काव्य मंजूषा
'शिकायत निशा की '
निशा ने अमावस्या से शिकायत की .!!
ओढ़नी पर कौन आज सितारे टांकेगा मेरी .?
हां ! चंदा कौन सजाएगा चांद की नगरी ..?
फिर अंधियारे में ..
रात्रि के पहर में जिंदगी बुझ जाएगी ..!!
सुबह के आंचल में घुल जाएगी ..!!
सूरज प्रातः बांह पर झुलाएगा ऊषा को ..!!
कैसे चहकूंगी मैं फिर सांझ को ..?
अब मिलूं तो ऐसे मिलूं ...
आस का पंछी मैं खूब चहचहाऊंगी ,
प्रेम का राग होठों से गुनगुनाऊंगी ..!!
पंख लेके मैं भी आसमां छू लूं जरा
आज मुक्त काली अमावस्या से.. हो लूं जरा .!
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#लेखनी काव्य
#लेखनी काव्य संग्रह
सुनंदा ☺️
Zakirhusain Abbas Chougule
12-Dec-2021 02:47 PM
Nice
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Sunanda Aswal
13-Dec-2021 04:22 PM
धन्यवाद आपका 🙏
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Sangeeta singh
10-Dec-2021 03:17 PM
बहुत सुंदर
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Sunanda Aswal
13-Dec-2021 04:22 PM
धन्यवाद आपका 🙏
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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
10-Dec-2021 03:02 PM
Wah
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Sunanda Aswal
10-Dec-2021 03:08 PM
शुक्रिया आभार
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